प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज बिहार के अररिया में चुनावी रैली को संबोधित किया। पीएम नरेंद्र मोदी ने चुनाव प्रचार के दौरार अररिया में हुई इस जनसभा में ईवीएम को लेकर विपक्ष पर निशाना साधा। ईवीएम और वीवीपैट पर आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि कोर्ट ने साफ कह दिया है कि बैलेट पेपर वाला पुराना दौर वापस लौटकर नहीं आएगा। पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, इंडी गठबंधन के हर नेता ने ईवीएम को लेकर जनता के मन में संदेह पैदा करने का पाप किया है। आज सुप्रीम कोर्ट ने इनको गहरा झटका दिया है।
देश की सर्वोच्च न्यायालय ने ऐसा करारा तमाचा मारा
पीएम मोदी ने कहा कि आज पूरी दुनिया भारत के चुनावी प्रक्रिया की तारीफ करती है। लेकिन, इंडी गठबंधन के लोग ईवीएम को लेकर दुष्प्रचार करते हैं। विपक्ष के लोग ईवीएम को हटाना चाहते थे। आज इन्हीं लोगों ने देश की सर्वोच्च न्यायालय ने ऐसा करारा तमाचा मारा है कि यह लोग मुंह मोड़कर देख नहीं पाएंगे। इन लोगों को अब देश से माफी मांगनी चाहिए।
कोर्ट ने विपक्षी दलों को सिखाया सबक
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि बिहार में पहले कांग्रेस-आरजेडी के शासन में बूथ लूट होती थी। वोटिंग के दिन यहां कमजोरों, गरीबों,पिछड़ों, दलितों को डंडे की चोट पर बूथ से बाहर रखा जाता था। अब ये लोग फिर से वही चाहते थे लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में इन्हें सबक सिखा दिया। पीएम ने कहा कि जिन्होंने दशकों तक बैलेट पेपर के बहाने गरीबों का अधिकार छीना, वे आज कोर्ट के फैसले के आगे शर्मिंदा हैं।
कांग्रेस और राजद पर साधा निशाना
देश में आज दो धारा बन गई है। एक धारा एनडीए की है। जिसका मकसद है देश को सशक्त करना। इसके विपरीत कांग्रेस और राजद का मकसद है देश को गुमराह करना। विकास के लिए जनता को तरपाना। अपनी तिजौरी भरना। इन दोनों पार्टियों ने बिहार के लोगों को दाने-दाने के लिए तरसा दिया। किसी के पास नौकरी है तो उनकी जमीन छीन लो। कोई थोड़ा भी सामर्थ्यवान है तो उसका अपहरण करवा लो। यह जंगलराज की पहचान है।
कांग्रेस की आरक्षण नीति पर भी निशाना
पीएम मोदी ने कहा कि अब कांग्रेस ने दलितों, पिछड़ों और आदिवासियों के आरक्षण का हक छीनने की बहुत गहरी साजिश रची है। देश के संविधान ने साफ-साफ कहा है कि भारत में धर्म आधारित आरक्षण नहीं हो सकता। लेकिन कांग्रेस पूरे देश में धर्म आधारित आरक्षण के लिए जोर लगा रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस चाहती है कि उसका कर्नाटक का आरक्षण मॉडल पूरे देश में लागू हो।
देश का माहौल पूरी तरह से चुनावी हो गया है। राजनीतिक दलों में आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। इस बीच अगर किसी मुद्दे पर सबसे ज्यादा चर्चा हो रही है, तो वो है मंगलसूत्र और संपत्ति बंटवारे पर।संपत्ति के बंटवारे पर मचे घमासान के बीच इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा ने नई थ्योरी बताई है। सैम पित्रोदा ने अमेरिका का उदाहरण देते हुए विरासत टैक्स लगाने का सुझाव दिया है। जिसके बाद भारत की राजनीति में हलचल मच गई है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस के घोषणापत्र पर निशाना साधते हुए कहा था कि ये आपका मंगलसूत्र भी बचने नहीं देंगे। पीएम मोदी के इस बयान के बाद विपक्षी दल हमलावर हैं। अब इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने अमेरिका का उदाहरण दिया। सैम पित्रोदा ने कहा कि अमेरिका में जो भी मरता है, वह सिर्फ अपनी 45 फीसदी संपत्ति अपने बच्चों को दे सकता है, बाकी की 55 फीसदी सरकार को दे दी जाती है, जिसको गरीबों में बांट दिया जाता है।
सैम पित्रोदा ने कहा, अमेरिका में विरासत कर लगता है। यदि किसी के पास 100 मिलियन डॉलर की संपत्ति है और जब वह मर जाता है तो वह केवल 45% अपने बच्चों को हस्तांतरित कर सकता है, 55% सरकार ले लेती है। यह एक दिलचस्प कानून है। इसमें कहा गया है कि आपने अपनी पीढ़ी में संपत्ति बनाई और अब जा रहे हैं, आपको अपनी संपत्ति जनता के लिए छोड़नी चाहिए, पूरी नहीं, आधी, जो मुझे उचित लगती है।
उन्होंने आगे कहा, हालांकि, भारत में आपके पास ऐसा नहीं है। अगर किसी की संपत्ति 10 अरब है और वह मर जाता है, तो उसके बच्चों को 10 अरब मिलते हैं और जनता को कुछ नहीं मिलता। इसलिए लोगों को इस तरह के मुद्दों पर बहस और चर्चा करनी होगी। मुझे नहीं पता कि आखिर में निष्कर्ष क्या निकलेगा, लेकिन जब हम धन के पुनर्वितरण की बात करते हैं, तो हम नई नीतियों और नए कार्यक्रमों के बारे में बात करते हैं, जो लोगों के हित में हैं न कि केवल अति-अमीरों के हित में।
कांग्रेस बनाएगी ऐसी नीति
पित्रोदा ने कहा, यह एक नीतिगत मुद्दा है। कांग्रेस पार्टी एक ऐसी नीति बनाएगी, जिसके माध्यम से धन का बांटना बेहतर होगा। हमारे पास (भारत में) न्यूनतम मजदूरी नहीं है। अगर देश में न्यूनतम मजदूरी हो और कहा जाए कि आपको गरीबों को इतना पैसा देना चाहिए, तो यह धन का बंटवारा है। आज, अमीर लोग अपने चपरासी और नौकर को पर्याप्त भुगतान नहीं करते हैं, लेकिन वे उस पैसे को दुबई और लंदन में छुट्टी पर खर्च करते हैं। हमारे पास अभी तक न्यूनतम मजदूरी का कोई कानून नहीं है।
भाजपा नेता ने बयान पर जताई आपत्ति
सैम पित्रोदा के इस बयान पर भाजपा नेता और आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने कड़ी आपत्ति जताई है। भाजपा नेता ने एक्स पर लिखा,कांग्रेस ने भारत को बर्बाद करने की ठान ली है। अब, सैम पित्रोदा संपत्ति वितरण के लिए 50 फीसदी विरासत कर की वकालत करते हैं। इसका मतलब यह है कि हम अपनी सारी मेहनत और उद्यम से जो कुछ भी बनाएंगे, उसका 50 फीसदी छीन लिया जाएगा। इसके अलावा अगर कांग्रेस जीतती है तो हम जो भी टैक्स देते हैं, वह भी बढ़ जाएगा।"
ऐसे शुरू हुआ विवाद
इस विवाद की शुरूआत उस वक्त हुआ, जब राजस्थान के बांसवाड़ा में चुनावी रैली को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा था कि अगर कांग्रेस की सरकार आई तो वो लोगों की संपत्तियां लेकर ज्यादा बच्चों वालों और घुसपैठियों को बांट देगी। पीएम मोदी ने आगे कहा था,"पहले जब इनकी सरकार थी तब उन्होंने कहा था कि देश की संपत्ति पर पहला हक मुसलमानों का है। इसका मतलब ये संपत्ति इकट्ठा करते किसको बांटेंगे? जिनके ज्यादा बच्चे हैं, उनको बांटेंगे. घुसपैठियों को बांटेंगे. क्या आपकी मेहनत का पैसा घुसपैठियों को दिया जाएगा? आपको मंजूर है ये?"उन्होंने आगे कहा,"ये कांग्रेस का मेनिफेस्टो कह रहा है कि वो मां-बहनों के गोल्ड का हिसाब करेंगे। उसकी जानकारी लेंगे और फिर उसे बांट देंगे। और उनको बांटेंगे जिनको मनमोहन सिंह की सरकार ने कहा था संपत्ति पर पहला अधिकार मुसलमानों का है। भाइयो-बहनो ये अर्बन नक्सल की सोच, मेरी मां-बहनों, ये आपका मंगलसूत्र भी नहीं बचने देंगे। ये यहां तक जाएंगे।"
लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही है। दरअसल, कांग्रेस नेता कमलनाथके छिंदवाड़ा के शिकारपुर स्थित घर पर आज सोमवार को पुलिस की टीम पूछताछ के लिए पहुंची। कमलनाथ के पीए आर के मिगलानी पर बीजेपी प्रत्याशी के खिलाफ वीडियो जारी करने के लिए बीस लाख रुपये की डील करने का आरोप है। इसी सिलसिले में पुलिस कमलनाथ के घर पूछताछ करने के लिए पहुंची है।
बीजेपी उम्मीदवार विवेक बंटी साहू ने कमल नाथ के खिलाफ कोई शिकायत की थी।बंटी साहू का आरोप है कि कमलनाथ के पीए आरके मिगलानी और निजी चैनल के वीडियो जर्नलिस्ट ने अन्य पत्रकारों को मेरा आपत्तिजनक वीडियो वायरल करने के लिए 20 लाख रुपए का प्रलोभन दिया था।इसी को लेकर बंटी साहू ने पुलिस में शिकायत दी थी।पुलिस इस मामले में जांच कर रही है।
बीजेपी के छिंदवाड़ा लोकसभा प्रत्याशी विवेक बंटी साहू ने पुलिस में शिकायत कर बताया था कि उनकी छवि बर्बाद करने के लिए कमलनाथ के पीए षड्यंत्र कर रहे है। बंटी साहू ने आरोप लगाया था कि पीए उनकी छवि बिगाड़ने के लिए एक आपत्तिजनक वीडियो वायरल कर रहे हैं।बंटी साहू ने आरोप लगाते हुए कहा कि कमलनाथ के पीए आर के मिगलानी और निजी चैनल के वीडियो जर्नलिस्ट सचिन गुप्ता ने दूसरे पत्रकारों को मेरा कूट रचित आपत्तिजनक वीडियो वायरल करने के लिए 20 लाख रुपए का ऑफर दिया। इस मामले में एक पत्रकार सुदेश नागवंशी ने भी इस ऑफर की शिकायत पुलिस से की है। साथ ही कमलनाथ के पीए की बातचीत का वीडियो भी बीजेपी प्रत्याशी बंटी साहू ने जारी किया है।
कमलनाथ ने किया है हमला
पूर्व सीएम कमलनाथ ने एक्स पर लिखा है कि भारतीय जनता पार्टी लगातार कांग्रेस के नेताओं पर दबाव डाल रही है और जो दबाव में नहीं आता, उसके ऊपर छापेमारी और दूसरी कार्रवाई कर रही है। कांग्रेस के आदिवासी विधायक नीलेश उइके पर इस तरह का दबाव डाला गया, लेकिन वे इसके आगे नहीं झुके तो उनके ऊपर छापे डाले गए। साथ ही कमलनाथ ने कहा कि मैं पार्टी के कार्यकर्ताओं का आह्वान करता हूं कि इस तरह के दमन और उत्पीड़न से भयभीत न हों और पूरी तरह एकजुट होकर जनता के सामने जाएं। छिंदवाड़ा की जनता इस तरह के अत्याचार को बर्दाश्त नहीं करेगी। मुझे आशा ही नहीं, पूर्ण विश्वास है कि जीत सत्य की ही होगी
कमलनाथ का गढ़ है छिंदवाड़ा
बता दें, छिंदवाड़ा कमलनाथ का गढ़ है। बीजेपी किसी भी कीमत पर यह लोकसभा सीट जीतना चाहती है। छिंडवाड़ा लोकसभा सीट के अंदर 7 विधानसभा सीट आती हैं, इनमें सिर्फ एक पर बीजेपी और शेष 6 पर कांग्रेस के विधायक हैं। हालांकि पिछले लोकसभा चुनाव में इस सीट पर बीजेपी के प्रत्याशी नत्थन शाह ने नकुलनाथ को कड़ी टक्कर दी थी। नकुलनाथ को 5.47 लाख वोट मिले थे और नत्थन शाह को 5.09 लाख वोट मिले। यानी नकुलनाथ की जीत का अंतर महज 37,536 था।
लोकसभा चुनाव से पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी लगातार मीडिया संस्थानों से रूबरू हो रहे हैं। हाला ही में पीएम मोदी ने अमेरिकी पत्रिका न्यूजवीक को इंटरव्यू दिया। पत्रिका को दिए इंटरव्यू में पीएम मोदी ने लोकसभा चुनाव, पाकिस्तान में आतंकवाद और चीन के साथ सीमा विवाद पर खुलकर अपनी बात रखी है। साथ ही अयोध्या राम मंदिर के निर्माण और देश में लोकतंत्र सहित विभिन्न मुद्दों पर भी बात की। अब उन्होंने ‘लाइव हिंदुस्तान’को साक्षात्कार दिया है।
देश में लोकसभा चुनाव तो लेकर प्रचार अभियान जोरों पर है। मोदी धुआंधार खुद चुनाव प्रचार में जुटे हुए हैं। पीएम एक दिन में 2 से 3 राज्यों के अलग-अलग शहरों में जाकर चुनावी रैलियों और जनसभाओं को संबोधित कर रहे हैं। इस बीच पीएम मोदी ने ‘लाइव हिंदुस्तान’ को दिए एक इंटरव्यू में भ्रष्टाचार पर खूब हमला बोला। उन्होंने कहा है कि भ्रष्टाचारियों के खिलाफ जांच एजेंसियों का एक्शन जारी है और यह कार्रवाई अब नहीं रुकेगी।
भ्रष्टाचार से कोई समझौता नहीं कर सकते-पीएम
पीएम मोदी ने कहा कि जब से हमारी सरकार सत्ता में आई है, तब से ही हम भ्रष्टाचार को लेकर सख्त हैं। इसको खत्म करने के लिए हमने कई प्रयास किए। उन्होंने कहा कि हम भ्रष्टाचारियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम इससे समझौता नहीं कर सकते। देश में जहां बीजेपी की सरकार है, वहीं भी भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई हो रही है। मगर आज कल एक अलग नैरेटिव सेट कर दिया गया है।
97 प्रतिशत मामले अधिकारियों और अपराधियों से जुड़े-पीएम मोदी
पीएम मोदी ने कहा कि कुछ लोगों का मानना है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ जो कार्रवाई हो रही है, वह राजनीतिक है। तो मैं कहना चाहता हूं ईडी के पास केवल तीन फीसदी मामले ही राजनीति से जुड़े हैं। बाकी के 97 प्रतिशत मामले अधिकारियों और अपराधियों से रिलेटेड है। इन सभी के खिलाफ कार्रवाई हो रही है। प्रवर्तन निदेशालय ने कई भ्रष्ट अधिकारियों को अरेस्ट किया है।
सरकारी सेवाओं को पारदर्शी बनाने की कोशिश-पीएम मोदी
प्रधानमंत्री ने कहा, जिन राज्यों में भाजपा सत्ता में हैं, वहां भी कार्रवाई हो रही है। जो आरोप लग रहे हैं, वो सिर्फ वो लोग लगा रहे हैं, जिन्हें अपने खिलाफ जांच का डर है। प्रधानमंत्री ने कहा कि 'साल 2014 में हमारी सरकार बनते ही, हमने भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी थी। हमने केंद्रीय भर्ती में ग्रुप सी और ग्रुप डी के साक्षात्कार खत्म किए। हमने देश में क्लीयरेंस के लिए सिंगल विंडो सिस्टम शुरू किया। हमने सरकारी सेवाओं को जहां तक हो सके पारदर्शी बनाने की कोशिश की है।
प्रधानमंत्री मोदी का यह बयान ऐसे समय सामने आया है, जब झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल भ्रष्टाचार के आरोपों में जेल में बंद हैं। विपक्षी पार्टियां सरकार पर विरोधियों के खिलाफ केंद्रीय जांच एजेंसियों को इस्तेमाल करने का आरोप लगा रही हैं। इस पर प्रधानमंत्री ने आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि ईडी के सिर्फ तीन प्रतिशत मामले ही राजनीति से जुड़े हैं।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी को लेकर जर्मनी और अमेरिका के बाद संयुक्त राष्ट्र ने भी टिप्पणी की है।हालांकि भारत के विदेश मंत्रालय की ओर से इसका जवाब दे दिया गया है। क्या आप जानते हैं कि अमेरिका और यूएन ने यूं ही भारत को लेकर टिप्पणी नहीं की है। बल्कि, अमेरिकी विदेश विभाग और संयुक्त राष्ट्र की प्रेस ब्रीफिंग के दौरान उनसे सवाल पूछे गए थे, जिनकी जवाब के दौरान भारत के आंतरिक मामलों लेकर प्रतिक्रिया आई। अब सवाल ये उठता है कि आखिर अमेरिकी विदेश विभाग और संयुक्त राष्ट्र की प्रेस ब्रीफिंग में भारत में केजरीवाल की गिरफ्तारी को लेकर सवाल किसने उठाए थे? तो जान लें कि सवाल उठाने वाले उस पत्रकार का नाम मुश्फिकुल फजल अंसारे है जो बांग्लादेशी नागरिक है और अमेरिका के वॉशिंगटन में रहता है।
अंसारे ने मैथ्यू मिलर से पूछा था ये सवाल
बता दें कि अंसारे ने अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर से सवाल पूछा था कि एमनेस्टी इंटरनेशनल के अनुसार ‘भारत में लोकसभा चुनावों से पहले विपक्ष पर कार्रवाई तेज हो गई है। दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल की गिरफ्तारी के संबंध में टिप्पणियों पर भारत द्वारा अमेरिकी राजनयिक को तलब करने पर आपकी क्या प्रतिक्रिया है, और आप विपक्षी पार्टी के बैंक खाते की हेराफेरी पर भारत में हालिया राजनीतिक उथल-पुथल को कैसे देखते हैं?’
अमेरिका ने दी थी ये प्रतिक्रिया
सवाल के जवाब में अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने कहा, हम दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी सहित इन कार्रवाईयों पर बारीकी से नजर रख रहे हैं। हम कांग्रेस पार्टी के आरोपों से भी अवगत हैं कि कर अधिकारियों ने उनके कुछ बैंक खातों को इस तरह से फ्रीज कर दिया है जिससे आगामी चुनावों में प्रभावी ढंग से प्रचार करना चुनौतीपूर्ण हो जाएगा, और हम इनमें से प्रत्येक समस्या के लिए निष्पक्ष, पारदर्शी और समय पर कानूनी प्रक्रियाओं की मांग करते हैं। हमें नहीं लगता कि किसी को इस पर आपत्ति होनी चाहिए।
संयुक्त राष्ट्र महासचिव के प्रवक्ता के भी पूछा वही सवाल
अंसारे ने 28 मार्च को प्रेस ब्रीफिंग के दौरान वीडियो लिंक के माध्यम से संयुक्त राष्ट्र महासचिव के प्रवक्ता से भी यही सवाल पूछा था। इस पर प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने जवाब दिया था कि हमें उम्मीद है कि ‘भारत में वैसा ही होगा, जैसा कि चुनाव वाले किसी भी देश में होता है। राजनीतिक और नागरिक अधिकारों सहित सभी के अधिकार सुरक्षित होते हैं और हर कोई ऐसे माहौल में स्वतंत्र और निष्पक्ष मतदान करने में सक्षम होता है।’
भारत विरोधी बातें फैलाने में माहिर
रिपोर्ट्स के मुताबिक, अंसारे का भारत विरोधी बातें फैलाने का इतिहास रहा है और वह बांग्लादेश का भगोड़ा भी है। अंसारे अपने लेखों में अक्सर बांग्लादेश के राजनीतिक घटनाक्रम के लिए भारत को जिम्मेदार ठहराते रहे हैं। अपनी साख का उपयोग कर कई बार अमेरिका को भारत के मामलों में हस्तक्षेप करने के लिए प्रेरित कर चुका है।
कौन हैं मुश्फिकुल फज़ल
मुश्फिकुल फज़ल (अंसारे) के फेसबुक प्रोफाइल के अनुसार, वह साउथ एशिया पर्सपेक्टिव्स का कार्यकारी संपादक, राइट टू फ्रीडम का कार्यकारी निदेशक, जस्ट न्यूज बीडी के लिए व्हाइट हाउस संवाददाता है। इसके साथ ही इस बात का भी दावा किया जाता रहा है कि जमात-ए-इस्लामी और बीएनपी मुश्फिकुल फजल अंसारे के संगठन राइट टू फ्रीडम को फंड देते हैं।
जयराम रमेश की टिप्पणी पर भड़कीं स्मृति ईरानी, कांग्रेस के “दरबारी” हमारे कामों के आंकड़े तोड़-मरोड़ के पेश कर रहे
#smritiiranislammedjairamramesh_allegations
लोकसभा चुनाव को लेकर देश में राजनीतिक हलचल जोरों पर हैं। जनता को अपने पाले में करने के लिए राजनीतिक दल एक दूसरे पर आरोपों की बौछार कर रहे हैं। इस चुनावी माहौल में कांग्रेस और भाजपा के बीच जमकर आरोप-प्रत्यारोप किये जा रहे हैं। इस बीच केन्द्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने कांग्रेस सांसद जयराम रमेश को करारा जवाब दिया है। जयराम रमेश ने उनके मंत्रालय की आलोचना में एक लंबा पोस्ट लिखा था। जिसके जवाब में मंत्री ईरानी ने भाजपा सरकार की उप्ल्बधियाँ और यूपीए की कमियाँ गिना दी। महिलाओं से संबंधित मुद्दों पर केंद्र सरकार की कांग्रेस की आलोचना पर हमला करते हुए, केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अपने पोस्ट में जयराम रमेश को गांधी परिवार का "दरबारी" करार दिया है।
स्मृति ईरानी ने एक्स पर लंबे-चौड़े कमेंट लिखे। स्मृति ईरानी ने कहा,बहुत लंबे समय से वंशवादी शासक भारत के असली उत्तराधिकारियों ने इसकी संपत्ति लूट ली है। उनके पतन के बाद भी, उनके दरबारियों ने महिलाओं के कल्याण के लिए भाजपा सरकार के प्रयासों को कमजोर करने के लिए तथ्यों को विकृत करना और आंकड़ों में हेरफेर करना जारी रखा है।
स्मृति ईरानी ने ये भी कहा- जब मूर्ख दूसरे को मूर्ख बनाने की कोशिश करता है, तो उससे ये पता चलता है कि वह कितना मूर्ख है। कांग्रेस महासचिव (जयराम रमेश) अगर एनसीआरबी के आंकड़ों पर नजर डालें तो जान सकेंगे की मोदी सरकार ने महिलाओं को अपराधों के खिलाफ रिपोर्ट करने के लिए प्रोत्साहित किया है। साथ ही महिलाओं के खिलाफ अपराध से निपटने के लिए प्रयासों का नेतृत्व किया है।
इसके बाद केन्द्रीय मंत्री ने महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के कामों को गिनाया। उन्होंने बताया कि महिलाओं के विशेष रूप से स्थापित किए गए निर्भया फंड का एक रुपया भी 2014 में यूपीए सरकार के अंत तक खर्च नहीं किया गया था। मंत्री ईरानी ने बताया कि मोदी सरकार में निर्भया फंड से 40 प्रोजेक्ट चालू हुए हैं। इसके लिए 7215 करोड़ का आवंटन हुआ है। उन्होंने जयराम रमेश पर हमला बोलते हुए कहा कि यूपीए सरकार में एक इमरजेंसी हेल्पलाइन भी नहीं जारी की जा सकी थी। उन्होंने कहा कि जबसे 2015 में निर्भया हेल्पलाइन बनी है, तब से इससे 70 लाख से अधिक महिलाओं को सहायता मिली है।
स्मृति ईरानी ने बताया कि हेल्पलाइन नंबर 112 अब सभी 28 राज्यों और 8 केंद्र प्रदेशों में सक्रिय है। इसने 30.34 करोड़ से ज्यादा कॉल अटैंड किए हैं। इसके अलावा 2015 से निर्भया फंड के तहत महिला हेल्पलाइन 181 भी चालू हैं। इस पर 71.31 लाख से ज्यादा महिलाएं 1.39 करोड़ से ज्यादा कॉल संभालती हैं। निर्भया फंड के तहत आने वाले प्रोजेक्ट्स जैसे वन स्टॉप सेंटर, हर पुलिस स्टेशन में महिला हेल्पडेस्क और महिलाओं और बच्चों के लिए फास्ट-ट्रैक कोर्ट की स्थापना शामिल है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जयराम रमेश को यह जानकर भी खुशी होगी कि आपातकालीन प्रतिक्रिया सहायता प्रणाली (ERSS) जैसा बुनियादी उपाय भी पूरी तरह से मोदी शासन द्वारा लागू किए गए थे। इसके अलावा भी उन्होंने कई प्रोजेक्ट गिनाए। केन्द्रीय मंत्री ईरानी ने आगे बताया कि 2014-15 के बाद महिलाओं के लिए जारी किया जाने वाला बजट काफी बढ़ गया है। उन्होंने बताया कि इस दौरान बजट में 215% की वृद्धि हुई है। उन्होंने कई योजनाओं के बढ़ाए गए बजट के आँकड़े सामने रखे।
क्या कहा था कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने?
इससे पहले सोमवार को कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने बीजेपी सरकार के काम काज पर सवाल उठाया था। उन्होंने कहा कि पिछले दस सालों में महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के तहत कोई उल्लेखनीय और सफलतापूर्वक काम नहीं किया गया। उन्होंने इसे भारी विफलताओं से भरा हुआ दशक बताया था। जयराम रमेश ने इसी के साथ यह भी कहा कि जून 2024 में कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार बनने के बाद ‘महिलाओं के लिए 10 साल का अन्याय’ का दौर समाप्त हो जाएगा। उन्होंने यह कहकर बीजेपी सरकार पर हमला बोला था कि 10 सालों से डब्ल्यूसीडी मंत्रालय ने केवल अक्षमता, उदासीनता और महिला विरोधी मानसिकता देखी है।
भारतीय जनता पार्टी ने लोकसभा चुनाव 2024 के लिए अपने उम्मीदवारों की पाँचवीं लिस्ट जारी की है। इस लिस्ट में बीजेपी ने बशीरघाट लोकसभा सीट से रेखा पात्रा को उम्मीदवार बनाया है। बशीरघाट में ही वो संदेशखाली इलाका में है, जो टीएमसी के गुंडों की वजह से चर्चा में रहा है। बशीरहाट लोकसभा सीट पर रेखा पात्रा टीएमसी के हाजी नूरुल इस्लाम की चुनौती का सामना करेंगी। इस सीट पर साल 2019 में टीएमसी की ओर से अभिनेत्री नुसरत जहाँ ने जीत हासिल की थी, लेकिन लोकसभा चुनाव से पहले उन्होंने चुनाव न लड़ने के ऐलान किया था और सांसदी से भी इस्तीफा दे दिया था।
कौन हैं रेखा पात्रा?
बंगाल के बशीरहाट से बीजेपी ने रेखा पात्रा को टिकट दिया है। वह संदेशखाली की पीड़ित महिलाओं में एक हैं। संदेशखाली की प्रदर्शनकारियों में रेखा पात्रा सबसे मुखर रही हैं। वो शेख शाहजहां और उनके गुर्गों की बर्बरता को झेलने वाली पीड़िताओं की आवाज बुलंद करने वाली जुझारू महिला हैं। उन्होंने ही सबसे पहले संदेशखाली की महिलाओं की आवाज को बुलंद की और लोगों के मन में इंसाफ की आस जगी। आज तीनों आरोपी शेख शाहजहां, शिबू हाजरा और उत्तम सरदार सलाखों के पीछे हैं।
किसी राजनीतिक चेहरे पर दांव नहीं लगाना बड़ा मास्टरस्ट्रोक
संदेशखाली इलाका बशीरहाट लोकसभा सीट के अंदर ही आता है, जहाँ हिंसा और उत्पीड़न की सैकड़ों वारदातों को अंजाम दिया गया। ऐसे में बीजेपी ने किसी राजनीतिक चेहरे के बजाय संदेशखाली विरोध प्रदर्शन में शामिल महिला को नामांकित करने का फैसला किया। जो बीजेपी के लिए एक मास्टरस्ट्रोक साबित हो सकता है।
बता दें कि छह मार्च को बारासात में पीएम नरेंद्र मोदी ने संदेशखाली की 5 महिलाओं से मुलाकात की थी। उन्हीं महिलाओं में एक रेखा पात्रा थीं। सुनने में आया है कि बीजेपी उस समय ही बशीरहाट से रेखा पात्रा को उम्मीदवार मानने लगी थी। बीजेपी ने किसी राजनीतिक चेहरे के बजाय संदेशखाली विरोध प्रदर्शन में शामिल महिलाओं को नामांकित करने का फैसला किया।
28 मार्च तक ईडी की हिरासत में रहेंगे केजरीवाल, जानें ईडी ने कोर्ट में क्या कहा, जिसके आधार पर भेजे गए रिमांड पर
#arvindkejriwaledcustodyrouseavenuecourt_order
दिल्ली आबकारी नीति मामले में फंसे मुख्यमंत्री केजरीवाल को राहत नहीं मिली है। ईडी की ओर से गिरफ्तार किए गए केजरीवाल को राउज एवेन्यू कोर्ट ने शुक्रवार को 28 मार्च तक जांच एजेंसी की हिरासत में भेज दिया है। दिल्ली आबकारी नीति मामले में यह अब तक की सबसे बड़ी गिरफ्तारी है। इस मामले में अब तक आम आदमी पार्टी के तीन बड़े नेता सलाखों के पीछे हैं। इनमें मनीष सिसोदिया, संजय सिंह और सत्येंद्र जैन शामिल हैं।
दिल्ली शराब नीति घोटाला मामले में ईडी की टीम ने सीएम केजरीवाल को लंबी पूछताछ के बाद गुरुवार रात 9:05 बजे गिरफ्तार कर लिया था। दिल्ली के मुख्यमंत्री को रिमांड पर लेने के लिए ईडी ने उन्हें राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया। कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल को 28 मार्च 2024 तक के लिए हिरासत में भेज दिया। इस दौरान, अरविंद केजरीवाल से गहन पूछताछ होगी। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि डिजिटल डिवाइस से मिले डेटा और जांच से जुड़े दूसरे मटेरियल से आमना-सामना कराने,आबकारी घोटाले में उनकी भूमिका के बारे में गहन जांच के लिए, अपराध से अर्जित बाकी आय का पता लगाने के लिए अरविंद केजरीवाल को 28 मार्च तक की कस्टडी में भेजा जा रहा है।
राउज एवेन्यू कोर्ट के विशेष सीबीआई न्यायाधीश कावेरी बावेजा ने अपने फैसले में कहा पेश मामले में साक्ष्यों व गवाहों के बयानों को देखने के बाद वे महसूस करती हैं कि आरोपी केजरीवाल से हिरासत में पूछताछ जरूरी है। उन्होंने ईडी के उस तर्क को स्वीकार कर लिया कि मामले की गंभीरता व अन्य आरोपियों के समक्ष आमना सामना करवाना जरूरी है ताकि सभी तथ्यों को खुलासा हो सके।
पूछताछ के दौरान होगी सीसीटीवी कवरेज
राउज एवेन्यू कोर्ट के आदेश के मुताबिक, अरविंद केजरीवाल से पूछताछ ऐसी जगह पर होगी जहां सीसीटीवी कवरेज हो। सीसीटीवी फुटेज को संरक्षित रखा जाए। शाम 6 से 7 बजे के बीच अरविंद केजरीवाल अपने दो वकीलों से आधे घंटे तक मुलाकात कर पाएंगे। इस दरमियान वो अपने घरवालों सुनीता केजरीवाल और बिभव कुमार से भी आधे घंटे मिल पाएंगे
बीमारी का हवाला दे केजरीवाल ने मांगी कुछ खास सुविधा
सुनवाई के दौरान ही केजरीवाल ने कोर्ट को अपनी बीमारी के बारे में बताते हुए कुछ खास सुविधा देने की मांग को लेकर अर्जी लगाई, जिसे अदालत ने झट से मान लिया।अरविंद केजरीवाल ने कोर्ट को बताया कि वह हाइपरग्लेसीमिया (Hyperglycemia) नाम की बीमारी से ग्रस्त हैं। उनकी तरफ़ से एक एप्लीकेशन कोर्ट में दाख़िल की गई थी कि उन्हें ज़रूरी दवाओं के साथ-साथ उपचार के हिसाब से घर का खाना खाने की इजाज़त दी जाए। राउज एवेन्यू कोर्ट ने उनकी अर्ज़ी स्वीकार करते हुए कहा कि उनकी दवाएं और ट्रीटमेंट ज़रूरत अनुसार चलता रहे। साथ ही मेडिकल एडवाइस के आधार पर केजरीवाल को भोजन दिया जाए. कोर्ट ने आगे कहा कि यदि ईडी चिकित्सकीय रूप से अनुशंसित भोजन प्रदान करने में असफल होती है, तो उन्हें (अरविंद केजरीवाल) घर से खाना लाने की अनुमति दी जाए।
ईडी ने 2 नवंबर, 2023 को भेजा था पहला समन
बता दें कि केजरीवाल को आबकारी मामले में ईडी ने 2 नवंबर 2023 को पहली बार समन भेजा था। केजरीवाल ने ईडी के समन को गैरकानूनी बताते हुए पेशी पर जाने से इनकार कर दिया था। इसके बाद ईडी समन पर समन भेजती गई और केजरीवाल पेश होने से इनकार करते रहे और जांच एजेंसी पर आरोप लगाते रहे। ईडी की ओर से केजरीवाल को 10 बार समन भेजा गया। ईडी की ओर से दूसरा समन 21 दिसंबर 2023, तीसरी 3 जनवरी, चौथा 18 जनवरी, पांचवां 2 फरवरी, छठा 19 फरवरी, सातवां 26 फरवरी, आठवां 4 मार्च और 9वां 21 मार्च को भेजा गया। ईडी की ओर से 9 समन भेजे जाने का विरोध करते हुए केजरीवाल हाई कोर्ट पहुंचे, लेकिन वहां से उनको कोई राहत नहीं मिली। इसके बाद ईडी गुरुवार को 10वां समन लेकर केजरीवाल के घर पहुंची। घर की तलाशी ली और पूछताछ करने के बाद रात करीब 9 बजे उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज बिहार के अररिया में चुनावी रैली को संबोधित किया। पीएम नरेंद्र मोदी ने चुनाव प्रचार के दौरार अररिया में हुई इस जनसभा में ईवीएम को लेकर विपक्ष पर निशाना साधा। ईवीएम और वीवीपैट पर आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि कोर्ट ने साफ कह दिया है कि बैलेट पेपर वाला पुराना दौर वापस लौटकर नहीं आएगा। पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, इंडी गठबंधन के हर नेता ने ईवीएम को लेकर जनता के मन में संदेह पैदा करने का पाप किया है। आज सुप्रीम कोर्ट ने इनको गहरा झटका दिया है।
देश की सर्वोच्च न्यायालय ने ऐसा करारा तमाचा मारा
पीएम मोदी ने कहा कि आज पूरी दुनिया भारत के चुनावी प्रक्रिया की तारीफ करती है। लेकिन, इंडी गठबंधन के लोग ईवीएम को लेकर दुष्प्रचार करते हैं। विपक्ष के लोग ईवीएम को हटाना चाहते थे। आज इन्हीं लोगों ने देश की सर्वोच्च न्यायालय ने ऐसा करारा तमाचा मारा है कि यह लोग मुंह मोड़कर देख नहीं पाएंगे। इन लोगों को अब देश से माफी मांगनी चाहिए।
कोर्ट ने विपक्षी दलों को सिखाया सबक
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि बिहार में पहले कांग्रेस-आरजेडी के शासन में बूथ लूट होती थी। वोटिंग के दिन यहां कमजोरों, गरीबों,पिछड़ों, दलितों को डंडे की चोट पर बूथ से बाहर रखा जाता था। अब ये लोग फिर से वही चाहते थे लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में इन्हें सबक सिखा दिया। पीएम ने कहा कि जिन्होंने दशकों तक बैलेट पेपर के बहाने गरीबों का अधिकार छीना, वे आज कोर्ट के फैसले के आगे शर्मिंदा हैं।
कांग्रेस और राजद पर साधा निशाना
देश में आज दो धारा बन गई है। एक धारा एनडीए की है। जिसका मकसद है देश को सशक्त करना। इसके विपरीत कांग्रेस और राजद का मकसद है देश को गुमराह करना। विकास के लिए जनता को तरपाना। अपनी तिजौरी भरना। इन दोनों पार्टियों ने बिहार के लोगों को दाने-दाने के लिए तरसा दिया। किसी के पास नौकरी है तो उनकी जमीन छीन लो। कोई थोड़ा भी सामर्थ्यवान है तो उसका अपहरण करवा लो। यह जंगलराज की पहचान है।
कांग्रेस की आरक्षण नीति पर भी निशाना
पीएम मोदी ने कहा कि अब कांग्रेस ने दलितों, पिछड़ों और आदिवासियों के आरक्षण का हक छीनने की बहुत गहरी साजिश रची है। देश के संविधान ने साफ-साफ कहा है कि भारत में धर्म आधारित आरक्षण नहीं हो सकता। लेकिन कांग्रेस पूरे देश में धर्म आधारित आरक्षण के लिए जोर लगा रही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस चाहती है कि उसका कर्नाटक का आरक्षण मॉडल पूरे देश में लागू हो।
देश का माहौल पूरी तरह से चुनावी हो गया है। राजनीतिक दलों में आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। इस बीच अगर किसी मुद्दे पर सबसे ज्यादा चर्चा हो रही है, तो वो है मंगलसूत्र और संपत्ति बंटवारे पर।संपत्ति के बंटवारे पर मचे घमासान के बीच इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा ने नई थ्योरी बताई है। सैम पित्रोदा ने अमेरिका का उदाहरण देते हुए विरासत टैक्स लगाने का सुझाव दिया है। जिसके बाद भारत की राजनीति में हलचल मच गई है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस के घोषणापत्र पर निशाना साधते हुए कहा था कि ये आपका मंगलसूत्र भी बचने नहीं देंगे। पीएम मोदी के इस बयान के बाद विपक्षी दल हमलावर हैं। अब इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने अमेरिका का उदाहरण दिया। सैम पित्रोदा ने कहा कि अमेरिका में जो भी मरता है, वह सिर्फ अपनी 45 फीसदी संपत्ति अपने बच्चों को दे सकता है, बाकी की 55 फीसदी सरकार को दे दी जाती है, जिसको गरीबों में बांट दिया जाता है।
सैम पित्रोदा ने कहा, अमेरिका में विरासत कर लगता है। यदि किसी के पास 100 मिलियन डॉलर की संपत्ति है और जब वह मर जाता है तो वह केवल 45% अपने बच्चों को हस्तांतरित कर सकता है, 55% सरकार ले लेती है। यह एक दिलचस्प कानून है। इसमें कहा गया है कि आपने अपनी पीढ़ी में संपत्ति बनाई और अब जा रहे हैं, आपको अपनी संपत्ति जनता के लिए छोड़नी चाहिए, पूरी नहीं, आधी, जो मुझे उचित लगती है।
उन्होंने आगे कहा, हालांकि, भारत में आपके पास ऐसा नहीं है। अगर किसी की संपत्ति 10 अरब है और वह मर जाता है, तो उसके बच्चों को 10 अरब मिलते हैं और जनता को कुछ नहीं मिलता। इसलिए लोगों को इस तरह के मुद्दों पर बहस और चर्चा करनी होगी। मुझे नहीं पता कि आखिर में निष्कर्ष क्या निकलेगा, लेकिन जब हम धन के पुनर्वितरण की बात करते हैं, तो हम नई नीतियों और नए कार्यक्रमों के बारे में बात करते हैं, जो लोगों के हित में हैं न कि केवल अति-अमीरों के हित में।
कांग्रेस बनाएगी ऐसी नीति
पित्रोदा ने कहा, यह एक नीतिगत मुद्दा है। कांग्रेस पार्टी एक ऐसी नीति बनाएगी, जिसके माध्यम से धन का बांटना बेहतर होगा। हमारे पास (भारत में) न्यूनतम मजदूरी नहीं है। अगर देश में न्यूनतम मजदूरी हो और कहा जाए कि आपको गरीबों को इतना पैसा देना चाहिए, तो यह धन का बंटवारा है। आज, अमीर लोग अपने चपरासी और नौकर को पर्याप्त भुगतान नहीं करते हैं, लेकिन वे उस पैसे को दुबई और लंदन में छुट्टी पर खर्च करते हैं। हमारे पास अभी तक न्यूनतम मजदूरी का कोई कानून नहीं है।
भाजपा नेता ने बयान पर जताई आपत्ति
सैम पित्रोदा के इस बयान पर भाजपा नेता और आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने कड़ी आपत्ति जताई है। भाजपा नेता ने एक्स पर लिखा,कांग्रेस ने भारत को बर्बाद करने की ठान ली है। अब, सैम पित्रोदा संपत्ति वितरण के लिए 50 फीसदी विरासत कर की वकालत करते हैं। इसका मतलब यह है कि हम अपनी सारी मेहनत और उद्यम से जो कुछ भी बनाएंगे, उसका 50 फीसदी छीन लिया जाएगा। इसके अलावा अगर कांग्रेस जीतती है तो हम जो भी टैक्स देते हैं, वह भी बढ़ जाएगा।"
ऐसे शुरू हुआ विवाद
इस विवाद की शुरूआत उस वक्त हुआ, जब राजस्थान के बांसवाड़ा में चुनावी रैली को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा था कि अगर कांग्रेस की सरकार आई तो वो लोगों की संपत्तियां लेकर ज्यादा बच्चों वालों और घुसपैठियों को बांट देगी। पीएम मोदी ने आगे कहा था,"पहले जब इनकी सरकार थी तब उन्होंने कहा था कि देश की संपत्ति पर पहला हक मुसलमानों का है। इसका मतलब ये संपत्ति इकट्ठा करते किसको बांटेंगे? जिनके ज्यादा बच्चे हैं, उनको बांटेंगे. घुसपैठियों को बांटेंगे. क्या आपकी मेहनत का पैसा घुसपैठियों को दिया जाएगा? आपको मंजूर है ये?"उन्होंने आगे कहा,"ये कांग्रेस का मेनिफेस्टो कह रहा है कि वो मां-बहनों के गोल्ड का हिसाब करेंगे। उसकी जानकारी लेंगे और फिर उसे बांट देंगे। और उनको बांटेंगे जिनको मनमोहन सिंह की सरकार ने कहा था संपत्ति पर पहला अधिकार मुसलमानों का है। भाइयो-बहनो ये अर्बन नक्सल की सोच, मेरी मां-बहनों, ये आपका मंगलसूत्र भी नहीं बचने देंगे। ये यहां तक जाएंगे।"
लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही है। दरअसल, कांग्रेस नेता कमलनाथके छिंदवाड़ा के शिकारपुर स्थित घर पर आज सोमवार को पुलिस की टीम पूछताछ के लिए पहुंची। कमलनाथ के पीए आर के मिगलानी पर बीजेपी प्रत्याशी के खिलाफ वीडियो जारी करने के लिए बीस लाख रुपये की डील करने का आरोप है। इसी सिलसिले में पुलिस कमलनाथ के घर पूछताछ करने के लिए पहुंची है।
बीजेपी उम्मीदवार विवेक बंटी साहू ने कमल नाथ के खिलाफ कोई शिकायत की थी।बंटी साहू का आरोप है कि कमलनाथ के पीए आरके मिगलानी और निजी चैनल के वीडियो जर्नलिस्ट ने अन्य पत्रकारों को मेरा आपत्तिजनक वीडियो वायरल करने के लिए 20 लाख रुपए का प्रलोभन दिया था।इसी को लेकर बंटी साहू ने पुलिस में शिकायत दी थी।पुलिस इस मामले में जांच कर रही है।
बीजेपी के छिंदवाड़ा लोकसभा प्रत्याशी विवेक बंटी साहू ने पुलिस में शिकायत कर बताया था कि उनकी छवि बर्बाद करने के लिए कमलनाथ के पीए षड्यंत्र कर रहे है। बंटी साहू ने आरोप लगाया था कि पीए उनकी छवि बिगाड़ने के लिए एक आपत्तिजनक वीडियो वायरल कर रहे हैं।बंटी साहू ने आरोप लगाते हुए कहा कि कमलनाथ के पीए आर के मिगलानी और निजी चैनल के वीडियो जर्नलिस्ट सचिन गुप्ता ने दूसरे पत्रकारों को मेरा कूट रचित आपत्तिजनक वीडियो वायरल करने के लिए 20 लाख रुपए का ऑफर दिया। इस मामले में एक पत्रकार सुदेश नागवंशी ने भी इस ऑफर की शिकायत पुलिस से की है। साथ ही कमलनाथ के पीए की बातचीत का वीडियो भी बीजेपी प्रत्याशी बंटी साहू ने जारी किया है।
कमलनाथ ने किया है हमला
पूर्व सीएम कमलनाथ ने एक्स पर लिखा है कि भारतीय जनता पार्टी लगातार कांग्रेस के नेताओं पर दबाव डाल रही है और जो दबाव में नहीं आता, उसके ऊपर छापेमारी और दूसरी कार्रवाई कर रही है। कांग्रेस के आदिवासी विधायक नीलेश उइके पर इस तरह का दबाव डाला गया, लेकिन वे इसके आगे नहीं झुके तो उनके ऊपर छापे डाले गए। साथ ही कमलनाथ ने कहा कि मैं पार्टी के कार्यकर्ताओं का आह्वान करता हूं कि इस तरह के दमन और उत्पीड़न से भयभीत न हों और पूरी तरह एकजुट होकर जनता के सामने जाएं। छिंदवाड़ा की जनता इस तरह के अत्याचार को बर्दाश्त नहीं करेगी। मुझे आशा ही नहीं, पूर्ण विश्वास है कि जीत सत्य की ही होगी
कमलनाथ का गढ़ है छिंदवाड़ा
बता दें, छिंदवाड़ा कमलनाथ का गढ़ है। बीजेपी किसी भी कीमत पर यह लोकसभा सीट जीतना चाहती है। छिंडवाड़ा लोकसभा सीट के अंदर 7 विधानसभा सीट आती हैं, इनमें सिर्फ एक पर बीजेपी और शेष 6 पर कांग्रेस के विधायक हैं। हालांकि पिछले लोकसभा चुनाव में इस सीट पर बीजेपी के प्रत्याशी नत्थन शाह ने नकुलनाथ को कड़ी टक्कर दी थी। नकुलनाथ को 5.47 लाख वोट मिले थे और नत्थन शाह को 5.09 लाख वोट मिले। यानी नकुलनाथ की जीत का अंतर महज 37,536 था।
लोकसभा चुनाव से पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी लगातार मीडिया संस्थानों से रूबरू हो रहे हैं। हाला ही में पीएम मोदी ने अमेरिकी पत्रिका न्यूजवीक को इंटरव्यू दिया। पत्रिका को दिए इंटरव्यू में पीएम मोदी ने लोकसभा चुनाव, पाकिस्तान में आतंकवाद और चीन के साथ सीमा विवाद पर खुलकर अपनी बात रखी है। साथ ही अयोध्या राम मंदिर के निर्माण और देश में लोकतंत्र सहित विभिन्न मुद्दों पर भी बात की। अब उन्होंने ‘लाइव हिंदुस्तान’को साक्षात्कार दिया है।
देश में लोकसभा चुनाव तो लेकर प्रचार अभियान जोरों पर है। मोदी धुआंधार खुद चुनाव प्रचार में जुटे हुए हैं। पीएम एक दिन में 2 से 3 राज्यों के अलग-अलग शहरों में जाकर चुनावी रैलियों और जनसभाओं को संबोधित कर रहे हैं। इस बीच पीएम मोदी ने ‘लाइव हिंदुस्तान’ को दिए एक इंटरव्यू में भ्रष्टाचार पर खूब हमला बोला। उन्होंने कहा है कि भ्रष्टाचारियों के खिलाफ जांच एजेंसियों का एक्शन जारी है और यह कार्रवाई अब नहीं रुकेगी।
भ्रष्टाचार से कोई समझौता नहीं कर सकते-पीएम
पीएम मोदी ने कहा कि जब से हमारी सरकार सत्ता में आई है, तब से ही हम भ्रष्टाचार को लेकर सख्त हैं। इसको खत्म करने के लिए हमने कई प्रयास किए। उन्होंने कहा कि हम भ्रष्टाचारियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम इससे समझौता नहीं कर सकते। देश में जहां बीजेपी की सरकार है, वहीं भी भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई हो रही है। मगर आज कल एक अलग नैरेटिव सेट कर दिया गया है।
97 प्रतिशत मामले अधिकारियों और अपराधियों से जुड़े-पीएम मोदी
पीएम मोदी ने कहा कि कुछ लोगों का मानना है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ जो कार्रवाई हो रही है, वह राजनीतिक है। तो मैं कहना चाहता हूं ईडी के पास केवल तीन फीसदी मामले ही राजनीति से जुड़े हैं। बाकी के 97 प्रतिशत मामले अधिकारियों और अपराधियों से रिलेटेड है। इन सभी के खिलाफ कार्रवाई हो रही है। प्रवर्तन निदेशालय ने कई भ्रष्ट अधिकारियों को अरेस्ट किया है।
सरकारी सेवाओं को पारदर्शी बनाने की कोशिश-पीएम मोदी
प्रधानमंत्री ने कहा, जिन राज्यों में भाजपा सत्ता में हैं, वहां भी कार्रवाई हो रही है। जो आरोप लग रहे हैं, वो सिर्फ वो लोग लगा रहे हैं, जिन्हें अपने खिलाफ जांच का डर है। प्रधानमंत्री ने कहा कि 'साल 2014 में हमारी सरकार बनते ही, हमने भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी थी। हमने केंद्रीय भर्ती में ग्रुप सी और ग्रुप डी के साक्षात्कार खत्म किए। हमने देश में क्लीयरेंस के लिए सिंगल विंडो सिस्टम शुरू किया। हमने सरकारी सेवाओं को जहां तक हो सके पारदर्शी बनाने की कोशिश की है।
प्रधानमंत्री मोदी का यह बयान ऐसे समय सामने आया है, जब झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल भ्रष्टाचार के आरोपों में जेल में बंद हैं। विपक्षी पार्टियां सरकार पर विरोधियों के खिलाफ केंद्रीय जांच एजेंसियों को इस्तेमाल करने का आरोप लगा रही हैं। इस पर प्रधानमंत्री ने आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि ईडी के सिर्फ तीन प्रतिशत मामले ही राजनीति से जुड़े हैं।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी को लेकर जर्मनी और अमेरिका के बाद संयुक्त राष्ट्र ने भी टिप्पणी की है।हालांकि भारत के विदेश मंत्रालय की ओर से इसका जवाब दे दिया गया है। क्या आप जानते हैं कि अमेरिका और यूएन ने यूं ही भारत को लेकर टिप्पणी नहीं की है। बल्कि, अमेरिकी विदेश विभाग और संयुक्त राष्ट्र की प्रेस ब्रीफिंग के दौरान उनसे सवाल पूछे गए थे, जिनकी जवाब के दौरान भारत के आंतरिक मामलों लेकर प्रतिक्रिया आई। अब सवाल ये उठता है कि आखिर अमेरिकी विदेश विभाग और संयुक्त राष्ट्र की प्रेस ब्रीफिंग में भारत में केजरीवाल की गिरफ्तारी को लेकर सवाल किसने उठाए थे? तो जान लें कि सवाल उठाने वाले उस पत्रकार का नाम मुश्फिकुल फजल अंसारे है जो बांग्लादेशी नागरिक है और अमेरिका के वॉशिंगटन में रहता है।
अंसारे ने मैथ्यू मिलर से पूछा था ये सवाल
बता दें कि अंसारे ने अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर से सवाल पूछा था कि एमनेस्टी इंटरनेशनल के अनुसार ‘भारत में लोकसभा चुनावों से पहले विपक्ष पर कार्रवाई तेज हो गई है। दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल की गिरफ्तारी के संबंध में टिप्पणियों पर भारत द्वारा अमेरिकी राजनयिक को तलब करने पर आपकी क्या प्रतिक्रिया है, और आप विपक्षी पार्टी के बैंक खाते की हेराफेरी पर भारत में हालिया राजनीतिक उथल-पुथल को कैसे देखते हैं?’
अमेरिका ने दी थी ये प्रतिक्रिया
सवाल के जवाब में अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने कहा, हम दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी सहित इन कार्रवाईयों पर बारीकी से नजर रख रहे हैं। हम कांग्रेस पार्टी के आरोपों से भी अवगत हैं कि कर अधिकारियों ने उनके कुछ बैंक खातों को इस तरह से फ्रीज कर दिया है जिससे आगामी चुनावों में प्रभावी ढंग से प्रचार करना चुनौतीपूर्ण हो जाएगा, और हम इनमें से प्रत्येक समस्या के लिए निष्पक्ष, पारदर्शी और समय पर कानूनी प्रक्रियाओं की मांग करते हैं। हमें नहीं लगता कि किसी को इस पर आपत्ति होनी चाहिए।
संयुक्त राष्ट्र महासचिव के प्रवक्ता के भी पूछा वही सवाल
अंसारे ने 28 मार्च को प्रेस ब्रीफिंग के दौरान वीडियो लिंक के माध्यम से संयुक्त राष्ट्र महासचिव के प्रवक्ता से भी यही सवाल पूछा था। इस पर प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने जवाब दिया था कि हमें उम्मीद है कि ‘भारत में वैसा ही होगा, जैसा कि चुनाव वाले किसी भी देश में होता है। राजनीतिक और नागरिक अधिकारों सहित सभी के अधिकार सुरक्षित होते हैं और हर कोई ऐसे माहौल में स्वतंत्र और निष्पक्ष मतदान करने में सक्षम होता है।’
भारत विरोधी बातें फैलाने में माहिर
रिपोर्ट्स के मुताबिक, अंसारे का भारत विरोधी बातें फैलाने का इतिहास रहा है और वह बांग्लादेश का भगोड़ा भी है। अंसारे अपने लेखों में अक्सर बांग्लादेश के राजनीतिक घटनाक्रम के लिए भारत को जिम्मेदार ठहराते रहे हैं। अपनी साख का उपयोग कर कई बार अमेरिका को भारत के मामलों में हस्तक्षेप करने के लिए प्रेरित कर चुका है।
कौन हैं मुश्फिकुल फज़ल
मुश्फिकुल फज़ल (अंसारे) के फेसबुक प्रोफाइल के अनुसार, वह साउथ एशिया पर्सपेक्टिव्स का कार्यकारी संपादक, राइट टू फ्रीडम का कार्यकारी निदेशक, जस्ट न्यूज बीडी के लिए व्हाइट हाउस संवाददाता है। इसके साथ ही इस बात का भी दावा किया जाता रहा है कि जमात-ए-इस्लामी और बीएनपी मुश्फिकुल फजल अंसारे के संगठन राइट टू फ्रीडम को फंड देते हैं।
जयराम रमेश की टिप्पणी पर भड़कीं स्मृति ईरानी, कांग्रेस के “दरबारी” हमारे कामों के आंकड़े तोड़-मरोड़ के पेश कर रहे
#smritiiranislammedjairamramesh_allegations
लोकसभा चुनाव को लेकर देश में राजनीतिक हलचल जोरों पर हैं। जनता को अपने पाले में करने के लिए राजनीतिक दल एक दूसरे पर आरोपों की बौछार कर रहे हैं। इस चुनावी माहौल में कांग्रेस और भाजपा के बीच जमकर आरोप-प्रत्यारोप किये जा रहे हैं। इस बीच केन्द्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने कांग्रेस सांसद जयराम रमेश को करारा जवाब दिया है। जयराम रमेश ने उनके मंत्रालय की आलोचना में एक लंबा पोस्ट लिखा था। जिसके जवाब में मंत्री ईरानी ने भाजपा सरकार की उप्ल्बधियाँ और यूपीए की कमियाँ गिना दी। महिलाओं से संबंधित मुद्दों पर केंद्र सरकार की कांग्रेस की आलोचना पर हमला करते हुए, केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अपने पोस्ट में जयराम रमेश को गांधी परिवार का "दरबारी" करार दिया है।
स्मृति ईरानी ने एक्स पर लंबे-चौड़े कमेंट लिखे। स्मृति ईरानी ने कहा,बहुत लंबे समय से वंशवादी शासक भारत के असली उत्तराधिकारियों ने इसकी संपत्ति लूट ली है। उनके पतन के बाद भी, उनके दरबारियों ने महिलाओं के कल्याण के लिए भाजपा सरकार के प्रयासों को कमजोर करने के लिए तथ्यों को विकृत करना और आंकड़ों में हेरफेर करना जारी रखा है।
स्मृति ईरानी ने ये भी कहा- जब मूर्ख दूसरे को मूर्ख बनाने की कोशिश करता है, तो उससे ये पता चलता है कि वह कितना मूर्ख है। कांग्रेस महासचिव (जयराम रमेश) अगर एनसीआरबी के आंकड़ों पर नजर डालें तो जान सकेंगे की मोदी सरकार ने महिलाओं को अपराधों के खिलाफ रिपोर्ट करने के लिए प्रोत्साहित किया है। साथ ही महिलाओं के खिलाफ अपराध से निपटने के लिए प्रयासों का नेतृत्व किया है।
इसके बाद केन्द्रीय मंत्री ने महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के कामों को गिनाया। उन्होंने बताया कि महिलाओं के विशेष रूप से स्थापित किए गए निर्भया फंड का एक रुपया भी 2014 में यूपीए सरकार के अंत तक खर्च नहीं किया गया था। मंत्री ईरानी ने बताया कि मोदी सरकार में निर्भया फंड से 40 प्रोजेक्ट चालू हुए हैं। इसके लिए 7215 करोड़ का आवंटन हुआ है। उन्होंने जयराम रमेश पर हमला बोलते हुए कहा कि यूपीए सरकार में एक इमरजेंसी हेल्पलाइन भी नहीं जारी की जा सकी थी। उन्होंने कहा कि जबसे 2015 में निर्भया हेल्पलाइन बनी है, तब से इससे 70 लाख से अधिक महिलाओं को सहायता मिली है।
स्मृति ईरानी ने बताया कि हेल्पलाइन नंबर 112 अब सभी 28 राज्यों और 8 केंद्र प्रदेशों में सक्रिय है। इसने 30.34 करोड़ से ज्यादा कॉल अटैंड किए हैं। इसके अलावा 2015 से निर्भया फंड के तहत महिला हेल्पलाइन 181 भी चालू हैं। इस पर 71.31 लाख से ज्यादा महिलाएं 1.39 करोड़ से ज्यादा कॉल संभालती हैं। निर्भया फंड के तहत आने वाले प्रोजेक्ट्स जैसे वन स्टॉप सेंटर, हर पुलिस स्टेशन में महिला हेल्पडेस्क और महिलाओं और बच्चों के लिए फास्ट-ट्रैक कोर्ट की स्थापना शामिल है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जयराम रमेश को यह जानकर भी खुशी होगी कि आपातकालीन प्रतिक्रिया सहायता प्रणाली (ERSS) जैसा बुनियादी उपाय भी पूरी तरह से मोदी शासन द्वारा लागू किए गए थे। इसके अलावा भी उन्होंने कई प्रोजेक्ट गिनाए। केन्द्रीय मंत्री ईरानी ने आगे बताया कि 2014-15 के बाद महिलाओं के लिए जारी किया जाने वाला बजट काफी बढ़ गया है। उन्होंने बताया कि इस दौरान बजट में 215% की वृद्धि हुई है। उन्होंने कई योजनाओं के बढ़ाए गए बजट के आँकड़े सामने रखे।
क्या कहा था कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने?
इससे पहले सोमवार को कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने बीजेपी सरकार के काम काज पर सवाल उठाया था। उन्होंने कहा कि पिछले दस सालों में महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के तहत कोई उल्लेखनीय और सफलतापूर्वक काम नहीं किया गया। उन्होंने इसे भारी विफलताओं से भरा हुआ दशक बताया था। जयराम रमेश ने इसी के साथ यह भी कहा कि जून 2024 में कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार बनने के बाद ‘महिलाओं के लिए 10 साल का अन्याय’ का दौर समाप्त हो जाएगा। उन्होंने यह कहकर बीजेपी सरकार पर हमला बोला था कि 10 सालों से डब्ल्यूसीडी मंत्रालय ने केवल अक्षमता, उदासीनता और महिला विरोधी मानसिकता देखी है।
भारतीय जनता पार्टी ने लोकसभा चुनाव 2024 के लिए अपने उम्मीदवारों की पाँचवीं लिस्ट जारी की है। इस लिस्ट में बीजेपी ने बशीरघाट लोकसभा सीट से रेखा पात्रा को उम्मीदवार बनाया है। बशीरघाट में ही वो संदेशखाली इलाका में है, जो टीएमसी के गुंडों की वजह से चर्चा में रहा है। बशीरहाट लोकसभा सीट पर रेखा पात्रा टीएमसी के हाजी नूरुल इस्लाम की चुनौती का सामना करेंगी। इस सीट पर साल 2019 में टीएमसी की ओर से अभिनेत्री नुसरत जहाँ ने जीत हासिल की थी, लेकिन लोकसभा चुनाव से पहले उन्होंने चुनाव न लड़ने के ऐलान किया था और सांसदी से भी इस्तीफा दे दिया था।
कौन हैं रेखा पात्रा?
बंगाल के बशीरहाट से बीजेपी ने रेखा पात्रा को टिकट दिया है। वह संदेशखाली की पीड़ित महिलाओं में एक हैं। संदेशखाली की प्रदर्शनकारियों में रेखा पात्रा सबसे मुखर रही हैं। वो शेख शाहजहां और उनके गुर्गों की बर्बरता को झेलने वाली पीड़िताओं की आवाज बुलंद करने वाली जुझारू महिला हैं। उन्होंने ही सबसे पहले संदेशखाली की महिलाओं की आवाज को बुलंद की और लोगों के मन में इंसाफ की आस जगी। आज तीनों आरोपी शेख शाहजहां, शिबू हाजरा और उत्तम सरदार सलाखों के पीछे हैं।
किसी राजनीतिक चेहरे पर दांव नहीं लगाना बड़ा मास्टरस्ट्रोक
संदेशखाली इलाका बशीरहाट लोकसभा सीट के अंदर ही आता है, जहाँ हिंसा और उत्पीड़न की सैकड़ों वारदातों को अंजाम दिया गया। ऐसे में बीजेपी ने किसी राजनीतिक चेहरे के बजाय संदेशखाली विरोध प्रदर्शन में शामिल महिला को नामांकित करने का फैसला किया। जो बीजेपी के लिए एक मास्टरस्ट्रोक साबित हो सकता है।
बता दें कि छह मार्च को बारासात में पीएम नरेंद्र मोदी ने संदेशखाली की 5 महिलाओं से मुलाकात की थी। उन्हीं महिलाओं में एक रेखा पात्रा थीं। सुनने में आया है कि बीजेपी उस समय ही बशीरहाट से रेखा पात्रा को उम्मीदवार मानने लगी थी। बीजेपी ने किसी राजनीतिक चेहरे के बजाय संदेशखाली विरोध प्रदर्शन में शामिल महिलाओं को नामांकित करने का फैसला किया।
28 मार्च तक ईडी की हिरासत में रहेंगे केजरीवाल, जानें ईडी ने कोर्ट में क्या कहा, जिसके आधार पर भेजे गए रिमांड पर
#arvindkejriwaledcustodyrouseavenuecourt_order
दिल्ली आबकारी नीति मामले में फंसे मुख्यमंत्री केजरीवाल को राहत नहीं मिली है। ईडी की ओर से गिरफ्तार किए गए केजरीवाल को राउज एवेन्यू कोर्ट ने शुक्रवार को 28 मार्च तक जांच एजेंसी की हिरासत में भेज दिया है। दिल्ली आबकारी नीति मामले में यह अब तक की सबसे बड़ी गिरफ्तारी है। इस मामले में अब तक आम आदमी पार्टी के तीन बड़े नेता सलाखों के पीछे हैं। इनमें मनीष सिसोदिया, संजय सिंह और सत्येंद्र जैन शामिल हैं।
दिल्ली शराब नीति घोटाला मामले में ईडी की टीम ने सीएम केजरीवाल को लंबी पूछताछ के बाद गुरुवार रात 9:05 बजे गिरफ्तार कर लिया था। दिल्ली के मुख्यमंत्री को रिमांड पर लेने के लिए ईडी ने उन्हें राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया। कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल को 28 मार्च 2024 तक के लिए हिरासत में भेज दिया। इस दौरान, अरविंद केजरीवाल से गहन पूछताछ होगी। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि डिजिटल डिवाइस से मिले डेटा और जांच से जुड़े दूसरे मटेरियल से आमना-सामना कराने,आबकारी घोटाले में उनकी भूमिका के बारे में गहन जांच के लिए, अपराध से अर्जित बाकी आय का पता लगाने के लिए अरविंद केजरीवाल को 28 मार्च तक की कस्टडी में भेजा जा रहा है।
राउज एवेन्यू कोर्ट के विशेष सीबीआई न्यायाधीश कावेरी बावेजा ने अपने फैसले में कहा पेश मामले में साक्ष्यों व गवाहों के बयानों को देखने के बाद वे महसूस करती हैं कि आरोपी केजरीवाल से हिरासत में पूछताछ जरूरी है। उन्होंने ईडी के उस तर्क को स्वीकार कर लिया कि मामले की गंभीरता व अन्य आरोपियों के समक्ष आमना सामना करवाना जरूरी है ताकि सभी तथ्यों को खुलासा हो सके।
पूछताछ के दौरान होगी सीसीटीवी कवरेज
राउज एवेन्यू कोर्ट के आदेश के मुताबिक, अरविंद केजरीवाल से पूछताछ ऐसी जगह पर होगी जहां सीसीटीवी कवरेज हो। सीसीटीवी फुटेज को संरक्षित रखा जाए। शाम 6 से 7 बजे के बीच अरविंद केजरीवाल अपने दो वकीलों से आधे घंटे तक मुलाकात कर पाएंगे। इस दरमियान वो अपने घरवालों सुनीता केजरीवाल और बिभव कुमार से भी आधे घंटे मिल पाएंगे
बीमारी का हवाला दे केजरीवाल ने मांगी कुछ खास सुविधा
सुनवाई के दौरान ही केजरीवाल ने कोर्ट को अपनी बीमारी के बारे में बताते हुए कुछ खास सुविधा देने की मांग को लेकर अर्जी लगाई, जिसे अदालत ने झट से मान लिया।अरविंद केजरीवाल ने कोर्ट को बताया कि वह हाइपरग्लेसीमिया (Hyperglycemia) नाम की बीमारी से ग्रस्त हैं। उनकी तरफ़ से एक एप्लीकेशन कोर्ट में दाख़िल की गई थी कि उन्हें ज़रूरी दवाओं के साथ-साथ उपचार के हिसाब से घर का खाना खाने की इजाज़त दी जाए। राउज एवेन्यू कोर्ट ने उनकी अर्ज़ी स्वीकार करते हुए कहा कि उनकी दवाएं और ट्रीटमेंट ज़रूरत अनुसार चलता रहे। साथ ही मेडिकल एडवाइस के आधार पर केजरीवाल को भोजन दिया जाए. कोर्ट ने आगे कहा कि यदि ईडी चिकित्सकीय रूप से अनुशंसित भोजन प्रदान करने में असफल होती है, तो उन्हें (अरविंद केजरीवाल) घर से खाना लाने की अनुमति दी जाए।
ईडी ने 2 नवंबर, 2023 को भेजा था पहला समन
बता दें कि केजरीवाल को आबकारी मामले में ईडी ने 2 नवंबर 2023 को पहली बार समन भेजा था। केजरीवाल ने ईडी के समन को गैरकानूनी बताते हुए पेशी पर जाने से इनकार कर दिया था। इसके बाद ईडी समन पर समन भेजती गई और केजरीवाल पेश होने से इनकार करते रहे और जांच एजेंसी पर आरोप लगाते रहे। ईडी की ओर से केजरीवाल को 10 बार समन भेजा गया। ईडी की ओर से दूसरा समन 21 दिसंबर 2023, तीसरी 3 जनवरी, चौथा 18 जनवरी, पांचवां 2 फरवरी, छठा 19 फरवरी, सातवां 26 फरवरी, आठवां 4 मार्च और 9वां 21 मार्च को भेजा गया। ईडी की ओर से 9 समन भेजे जाने का विरोध करते हुए केजरीवाल हाई कोर्ट पहुंचे, लेकिन वहां से उनको कोई राहत नहीं मिली। इसके बाद ईडी गुरुवार को 10वां समन लेकर केजरीवाल के घर पहुंची। घर की तलाशी ली और पूछताछ करने के बाद रात करीब 9 बजे उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।
Apr 26 2024, 15:13